Monkey and Crocodile Story in Hindi with Moral - बन्दर और मगरमच्छ की कहानी

Monkey and Crocodile Story in Hindi with Moral - बन्दर और मगरमच्छ की कहानी

Monkey and Crocodile Story in Hindi: Hello friends, today I am going to tell you a well-known story of "Story of Monkey and Crocodile in Hindi”. All most kid love and enjoy this Monkey and Crocodile Story in Hindi. I hope you will enjoy this moral story.

Monkey and Crocodile Story in Hindi – बन्दर और मगरमच्छ की कहानी


Monkey and Crocodile Story in Hindi

बहुत समय पहले की बात है। ( Monkey and Crocodile Story in Hindi ) सरियू नदी के तट पर एक जामुन का पेड़ था। उस पेड़ पर एक बन्दर रहता था। वह बंदर उस पेड़ पर बड़े मजे से रह जाता। वही नदी में एक मगरमच्छ भी रहता था। धीरे-धीरे बंदर और मगरमच्छ में बहुत गहरी दोस्ती हो गई। बंदर मगरमच्छ को भी पेड़ के मीठे मीठे जामुन खिलाया करता था। बंदर और मगरमच्छ की दोस्ती बहुत गहरी थी। 

एक दिन जब बंदर मगरमच्छ को जामुन खिला रहा था तब उसे ख्याल आया कि इस जामुन का लुफ़्त सिर्फ वह और उसका मित्र मगर ही उठाता है। बंदर ने मगरमच्छ से कहा कि आज यह मीठे जामुन भाभी के लिए भी ले जाओ। उन्हें भी तो पता चले कि मेरे यहां की जामुन कितने मीठे हैं। यह कहकर बंदर ने मगरमच्छ को ढेर सारे जामुन अपने घर ले जाने के लिए दे दिया। 

मगरमच्छ वह जामुन लेकर अपने घर आया। उसने वह जामुन अपनी पत्नी को खिलाएं। ( Monkey and Crocodile Story in Hindi ) जामुन खा कर उसकी पत्नी बहुत खुश हुई और उसने जामुन की बहुत तारीफ की। उसने कहा कि है जामुन तो बड़ी मीठे हैं। फिर इसी तरह कुछ दिनों तक प्रतिदिन बंदर पहले नदी किनारे मगरमच्छ को जामुन खिलाता और फिर कुछ जामुन उसे घर ले जाने के लिए दे देता।

मगरमच्छ की पत्नी भी चावल खा कर बड़ी प्रसन्ना होती। एक दिन मगरमच्छ की पत्नी ने सोचा कि जब यह जामुन इतनी मीठे हैं तो वह बंदर जो दिन-रात पेड़ पर बैठकर यह जामुनी खाया करता है उसका दिल कितना मीठा होगा। अब मगरमच्छ की पत्नी के मन में बंदर के दिल को खाने की इच्छा जाने लगी।

Monkey and Crocodile Story in Hindi

मगरमच्छ की पत्नी को एक तरकीब सूझी। एक दिन जब मगरमच्छ अपनी पत्नी के लिए ढेर सारे जामुन लेकर घर वापस लौटा तो उसकी पत्नी ने उसे कहा कि वह बहुत बीमार है। ( Monkey and Crocodile Story in Hindi ) वैद्य ने उसे कहा है कि उसकी बीमारी का इलाज केवल बंदर के पास है। वह बंदर के दिल को खाकर इस बीमारी से मुक्त हो सकती है। उसकी पत्नी ने कहा कि तुम अपने मित्र बंदर को यहां ले आओ मैं उसके दिल को खाकर स्वस्थ हो जाऊंगी।

मगरमच्छ अपनी पत्नी की बातें सुनकर बहुत घबरा गया। ( Story of Monkey and Crocodile in Hindi ) उसने अपनी पत्नी को बहुत समझाया कि वह बंदर उसका मित्र है। वह अपने मित्र के साथ ऐसा नहीं कर सकता। परंतु उसकी पत्नी ने मगरमच्छ की एक ना सुनी। और सा बंदर के दिल को खाने की जिद करने लगी। अंततः हार मानकर मगरमच्छ ने अपनी पत्नी की बात मान ली।

अगले दिन वह बंदर के पास गया। महाराष्ट्र में सोच रहा था कि आखिर बंदर को किस बहाने से अपने घर बुलाया जाए। मां मंदिर के पास पहुंचा और उसने बंदर से कहा," मित्र आज तुम्हारी भाभी तुम्हें हमारे घर खाने पर बुलाना चाहती है। तुम यदि आज मेरे साथ चलोगे तो हम सभी को बहुत प्रसन्नता होगी।" 

बंदर मान गया परंतु उसने कहा," मुझे पढ़ना नहीं आता तो मैं नदी में तैर कर तुम्हारे घर कैसे जाऊंगा।" ( The Monkey and The Crocodile Short Story in Hindi )

मगरमच्छ ने कहा कि तुम इस बात की चिंता मत करो। तुम मेरे पीठ पर बैठ जाना मैं तुम्हें ले चलूंगा।

बंदर मगरमच्छ की पीठ पर सवार हो गया और मगरमच्छ अपने घर की तरफ बढ़ने लगा। मगरमच्छ से रहा नहीं गया, उसने बीच नदी में बंदर को सब कुछ बता दिया। उसने यह भी कहा कि तुम्हारी भाभी तुम्हारे दिल को खाकर स्वस्थ हो जाएगी। 

बंदर मगरमच्छ की बात सुनकर बहुत डर गया। ( Monkey and Crocodile Story in Hindi ) उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि वह अपनी जान कैसे बचाई। वह पानी में खुद भी नहीं सकता था क्योंकि उसे तैरना भी नहीं आता। तब बंदर को एक तरकीब सूझी।

Monkey and Crocodile Story in Hindi

बंदर ने मगरमच्छ से कहा," मित्र बस इतनी सी बात है। तो तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया। मैं अपना दिल अपने साथ ले आता। मैं अपने दिल को तो पेड़ पर ही छोड़ कर आया हूं ताकि वह पानी में भीग ना जाए। तुम अगर मुझे पहले बताते तो मैं उसे अपने साथ ले आता। कोई बात नहीं हम वापस पेड़ पर चलते हैं वहां जाकर मैं अपना दिल ले लूंगा और उसके बाद तुम्हारे साथ चलूंगा।"

मगरमच्छ बहुत बेवकूफ था। मगरमच्छ बंदर की बात मान गया और वह वापस नदी किनारे पेड़ की तरफ बढ़ने लगा। जैसे ही मगरमच्छ नदी के किनारे पहुंचा बंदर तुरंत ही उसके पीठ पर से कूद कर पेड़ पर चढ़ गया। 

बंदर नहीं मगरमच्छ से कहा," मित्र मुझे तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं थी। ( Monkey and Crocodile Story in Hindi ) तुमने मेरा भरोसा तोड़ा है। तुमने अपने ही मित्र को मारना चाहा। अब चले जाओ यहां से नाक से हमारी मित्रता खत्म।" मगरमच्छ बहुत शर्मिंदा हुआ और चुपचाप वहां से चला गया।

सीख:- 

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हम अपनी बुद्धि के बल पर बड़े से बड़े मुसीबत से भी बाहर निकल सकते हैं। 

Moral of Story of Monkey and Crocodile Story in Hindi:-

We learn from this story that we can get out of even the biggest problems on the strength of our intelligence.


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