Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language - बिल्ली का न्याय

Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language - बिल्ली का न्याय

Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language : Hello, this is a Short story in Hindi with moral of a smart and intelligent cat who used the quarrel of two for her own benefit. I hope you will enjoy these short stories in Hindi with moral in Hindi Language

Short Stories in Hindi Language with moral for kids - बिल्ली का न्याय 


Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language


एक वन में एक पेड़़ की खोह में एक चकोर रहता था। ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language ) उसी पेड़ के आस-पास कई पेड़ और थे, जिन पर फल व बीज उगते थे। उन फलों और बीजों से पेट भरकर चकोर मस्त पड़ा रहता। इसी प्रकार कई वर्ष बीत गए। एक दिन उड़़ते– उड़़ते एक और चकोर सांस लेने के लिए उस पेड़ की टहनी पर बैठा। दोनों में बातें हुईं। ( Short story in Hindi with moral

दूसरे चकोर को यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वह केवल पेड़़ों के फल व बीज चुगकर जीवन गुजार रहा था। दूसरे ने उसे बताया- “भई, दुनिया में खाने के लिए केवल फल और बीज ही नहीं होते और भी कई स्वादिष्ट चीजें हैं। उन्हें भी खाना चाहिए। खेतों में उगने वाले अनाज तो बेजोड़ होते हैं। कभी अपने खाने का स्वाद बदलकर तो देखो।” 

दूसरे चकोर के उड़़ने के बाद वह चकोर सोच में पड़ गया। उसने फैसला किया कि कल ही वह दूर नजर आने वाले खेतों की ओर जाएगा और उस अनाज नाम की चीज का स्वाद चखकर देखेगा ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language

दूसरे दिन चकोर उड़कर एक खेत के पास उतरा। ( Short story in Hindi with moral ) खेत में धान की फसल उगी थी। चकोर ने कोंपलें खाई। उसे वह अति स्वादिष्ट लगीं। उस दिन के भोजन में उसे इतना आनंद आया कि खाकर तॄप्त होकर वहीं आखें मूंदकर सो गया। 

Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language


इसके बाद भी वह वहीं पड़ा रहा। रोज खाता-पीता और सो जाता। छः – सात दिन बाद उसे सुध आई कि घर लौटना चाहिए। 

इस बीच एक खरगोश घर की तलाश में घूम रहा था। ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language ) उस इलाके में जमीन के नीचे पानी भरने के कारण उसका बिल नष्ट हो गया था। वह उसी चकोर वाले पेड़ के पास आया और उसे खाली पाकर उसने उस पर अधिकार जमा लिया और वहां रहने लगा। जब चकोर वापस लौटा तो उसने पाया कि उसके घर पर तो किसी और का कब्जा हो गया हैं। चकोर क्रोधित होकर बोला – “ऐ भाई, तू कौन हैं और मेरे घर में क्या कर रहा हैं?” 

खरगोश ने दांत दिखाकर कहा – “मैं इस घर का मालिक हूं। मैं सात दिन से यहां रह रहा हूं, यह घर मेरा हैं।” 

चकोर गुस्से से फट पड़ा – “सात दिन! भाई, मैं इस खोह में कई वर्षो से रह रहा हूं। किसी भी आस-पास के पंछी या चौपाए से पूछ ले।” 

खरगोश चकोर की बात काटता हुआ बोला- “सीधी-सी बात हैं। मैं यहां आया यह खोह खाली पड़़ी थी और मैं यहां बस गय मैं क्यों अब पड़़ोसियों से पूछता फिरुं?” 

( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language

Read More:-

चकोर गुस्से में बोला- “वाह! कोई घर खाली मिले तो इसका यह मतलब हुआ कि उसमें कोई नहीं रहता? मैं आखिरी बार कह रहा हूं कि शराफत से मेरा घर खाली कर दे वर्ना…।” 

खरगोश ने भी उसे ललकारा- “वर्ना तू क्या कर लेगा? यह घर मेरा हैं। तुझे जो करना हैं, कर ले।” 

चकोर सहम गया। ( Short story in Hindi with moral ) वह मदद और न्याय की फरीयाद लेकर पड़़ोसी जानवरों के पास गया सबने दिखावे की हूं-हूं की, परन्तु ठोस रुप से कोई सहायता करने सामने नहीं आया। 

एक बूढे पड़ोसी ने कहा – “ज्यादा झगड़ा बढाना ठीक नहीं होगा। तुम दोनों आपस में कोई समझौता कर लो।” पर समझौते की कोई सूरत नजर नहीं आ रही थी, क्योंकि खरगोश किसी शर्त पर खोह छोड़ने को तैयार नहीं था। 

अंत में लोमड़ी ने उन्हें सलाह दी – “तुम दोनों किसी ज्ञानी-ध्यानी को पंच बनाकर अपने झगड़े का फैसला उससे करवाओ।” 

दोनों को यह सुझाव पसंद आया। अब दोनों पंच की तलाश में इधर-उधर घूमने लगे। 

Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language


इसी प्रकार घूमते-घूमते वे दोनों एक दिन गंगा किनारे आ निकले। ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language ) वहां उन्हें जप तप में मग्न एक बिल्ली नजर आई। बिल्ली के माथे पर तिलक था। गले में जनेऊ और हाथ में माला लिए मॄगछाल पर बैठी वह पूरी तपस्विनी लग रही ती। उसे देखकर चकोर व खरगोश खुशी से उछल पड़े। उन्हें भला इससे अच्छा ज्ञानी-ध्यानी कहां मिलेगा। खरगोश ने कहा – “चकोर जी, क्यों न हम इससे अपने झगड़े का फैसला करवाएं?” 

चकोर पर भी बिल्ली का अच्छा प्रभाव पड़ा था पर वह जरा घबराया हुआ था। ( Short story in Hindi with moral ) चकोर बोला -“मुझे कोई आपत्ति नही है पर हमें जरा सावधान रहना चाहिए।” खरगोश पर तो बिल्ली का जादू चल गया था। उसने कहा-“अरे नहीं! देखते नहीं हो, यह बिल्ली सांसारिक मोह-माया त्यागकर तपस्विनी बन गई हैं।” 

सच्चाई तो यह थी कि बिल्ली उन जैसे मूर्ख जीवों को फांसने के लिए ही भक्ति का नाटक कर रही थी। फिर चकोर और खरगोश पर और प्रभाव डालने के लिए वह जोर-जोर से मंत्र पड़ने लगी। ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language ) खरगोश और चकोर ने उसके निकट आकर हाथ जोड़कर जयकारा लगाया -“जय माता दी। माता को प्रणाम।” 

बिल्ली ने मुस्कुराते हुए धीरे से अपनी आंखे खोली और आर्शीवाद दिया -“आयुष्मान भव, तुम दोनों के चहरों पर चिंता की लकीरें हैं। क्या कष्ट हैं तुम्हें, बच्चो?” 

चकोर ने विनती की -“माता हम दोनों के बीच एक झगड़ा हैं। हम चाहते हैं कि आप उसका फैसला करें।” 

बिल्ली ने पलकें झपकाईं -“हरे राम, हरे राम! तुम्हें झगड़ना नहीं चाहिए। प्रेम और शांति से रहो।” उसने उपदेश दिया और बोली -“खैर, बताओ, तुम्हारा झगड़ा क्या है?” 

Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language


चकोर ने मामला बताया। खरगोश ने अपनी बात कहने के लिए मुंह खोला ही था कि बिल्ली ने पंजा उठाकर रोका और बोली “बच्चो, मैं काफी बूढी हूं ठीक से सुनाई नहीं देता। ( Short story in Hindi with moral ) आंखे भी कमजोर हैं इसलिए तुम दोनों मेरे निकट आकर मेरे कान में जोर से अपनी-अपनी बात कहो ताकि मैं झगड़े का कारण जान सकूं और तुम दोनों को न्याय दे सकूं। जय सियाराम।” 

वे दोनों भगतिन बिल्ली के बिलकुल निकट आ गए ताकि उसके कानों में अपनी-अपनी बात कह सकें। ( Short Stories in Hindi with Moral in Hindi Language ) बिल्ली को इसी अवसर की तलाश थी उसने ‘म्याऊं’ की आवाज लगाई और एक ही झपट्टे में खरगोश और चकोर का काम तमाम कर दिया। फिर वह आराम से उन्हें खाने लगी। 

सीखः-

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दो के झगडे में तीसरे का ही फायदा होता हैं, इसलिए झगडों से दूर रहो। 

Moral of this Short Stories in Hindi with moral in Hindi Language:- 

From this story, we learn that in the quarrel of two, only the third one is benefited, so stay away from the quarrels. 

Read More:-

Thanks for reading these short stories in Hindi with moral in Hindi language. I hope you enjoyed this short story in Hindi language with moral for kids. This short Hindi Story with moral for kids teaches us that we should not quarrel in between. You will get many more Short Stories in Hindi with moral, Magical stories in Hindi etc. in this site.

Post a Comment

$(document).ready(function() {$('img#closed').click(function(){$('#bl_banner').hide(90);});});
–>