J. K. Rowling : We all are well familiar with the Harry Potter Movie Series. This series has still a separate fan base. Every child loves this magical movie series. J. K Rowling is the writer of the Harry Potter Series. Today we will talk about the life story of J. K. Rowling Harry Potter Book Series Writer in Hindi. Her life story is a motivational story. Her life story will motivate you. I hope you will love this J. K. Rowling Life Story in Hindi.
J. K. Rowling Life Story in Hindi – Harry Potter Series Writer
यह कहानी है एक छोटे से शहर में रहने वाली एक लड़की की। उसे लिखने का बहुत शौक था। जब भी उसे मौका मिलता वह कुछ ना कुछ लिखती रहती। बचपन में अपनी पहली कहानी, एक खरगोश की कहानी लिखी थी। उसने यह कहानी अपनी मां को सुनाई। उसकी मां को वह कहानी बहुत पसंद आई। उन्होंने अपनी बेटी को और लिखने के लिए प्रोत्साहित भी किया।
यह लड़की स्कूल में भी बहुत शर्मीली किस्म की थी। वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करती। वह हमेशा ख्यालों कि दुनिया में ही खोई रहती। जब भी मौका मिलता अपने आप को कुछ ना कुछ लिखने में ही व्यस्त रखते थे। जब वह 15 साल की थी, तभी उसकी नानी का देहांत हो गया। वह अपने नानी के काफी करीब थी। अब इसके बाद धीरे-धीरे सब कुछ बदलने लगा। उस लड़की की जिंदगी में मुसीबतों का पहाड़ टूटने वाला था।
उसकी नानी के देहांत के बाद उसकी मां और पिता के रिश्ते भी बिगाड़ने लगे। धीरे धीरे उसकी मां भी बीमार पर गई। उसकी मां की हालत दिन-ब-दिन बिगड़ती चली गई। और आखिर कर उसकी मां की भी मृत्यु हो गई। उस लड़की के लिए उसकी मां की मौत बहुत बड़ा नुकसान था।
जिंदगी चलती गई। वह लड़की भी बड़ी होने लगी। एक दिन उसने एक अखबार में एक इंग्लिश कि शिक्षिका के जॉब का विज्ञापन देखा। उसने इस अवसर को हाथ से जाने नहीं दिया। वह यह नौकरी लेे कर अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू करना चाहती थी। उन्हें पॉर्तुगुल के एक विद्यालय में अंग्रेजी की शिक्षिका की नौकरी मिल गई। एक दिन वह एक टीवी के संपादक से मिली। उन दोनों को अंग्रेजी साहित्य में दिलचस्पी थी। दोनों का मिलना जुलना चलता रहा। अब दोनों साथ में काफी वक्त गुजारने लगे थे।
करीब एक साल के बाद दोनों ने शादी कर ली। उन दोनों को एक सुंदर बेटी हुई।
परंतु शादी के कुछ ही सालों बाद उसके पति ने उसे छोर दिया। वह अपनी नवजात बच्ची के साथ अपने पति से अलग हो गई। अब उसके पास ना तो कोई नौकरी थी और नहीं ज्यादा दिन के पैसे। यह उसकी जिंदगी का सब से बुरा वक्त था। कभी कदाल तो वो खुद खाना नहीं कहती ताकि उसकी बेटी अच्छे से खा सके। अपने जिंदगी के इस वक्त में वह बहुत ज्यादा डिप्रेस्ड हो गई थी। उन्हें आगे कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही थी।
परंतु उसकी बेटी ने उस प्रोत्साहन दिया। उसने फिर से अपने पूरे शौक को आजमाने का सोचा। उसने फिर से लिखना शुरू किया। इस बार उसने जादुई कहानियां, फैंटेसी कहानियां पर किताब लिखना शुरू किया। जब वह लिखने के लिए बैठती तो वह सारे दुख दर्द को भूल कर कहानियों कि दुनिया में खो जाती। जब उसकी बेटी सो जाती तो वह साइबर कैफे ( cyber cafe ) जा कर अपनी किताब पर काम करती। जब उसने अपने किताब के लिए कुछ कहानियां लिख ली तो उसने उस कई सारे पब्लिशर्स ( publishers ) को भेजा। परंतु सभी ने उसकी कहानियों को ठुकरा दिया। कोई भी उसके किताब को छापने को तैयार नहीं हुआ। उसके सारे मेल बॉक्स (mail box) रिजेक्शन (rejection) से भर गए थे। धीरे धीरे उसका आत्मविश्वास भी टूटता का रहा था।
तभी एक दिन एक पब्लिशर्स ने उसकी कहानियां पढ़ने की सोची। जब वह कहानियां पढ़ने बैठी तो साथ में उस पब्लिशर्स की एक आठ साल की छोटी बेटी भी थी। उस छोटी बच्ची को उसकी कहानियां काफी पसंद आयी और वह आगे की कहानी जानने के लिए बड़ी उत्साहित भी होने लगी। अपने बेटी की इस उत्साह को देख कर उस पब्लिशर ने उसी किताब छापने का निश्चय किया। और इस तरह जून 1997 में, 31 साल की उम्र में उसकी सब से पहली किताब " Harry Potter and the Philosopher's Stone " शुरुआत में 1000 कॉपी छपी।
जब लोगों ने यह किताब पढ़ी तो उन्हें यह कहानी बहुत पसंद अाई। बाजार में अचानक से इस किताब कि मांग काफी बढ़ गई। पांच महीने बाद इस किताब ने " Nestle Smarties Books Prize " का खिताब जीता। और इस तरह एक मामूली सी लड़की जिसके पास ना तो पैसे थे और ना ही कोई पहचान। वह दोस्तों से लिए उधार पैसे से अपनी जिंदगी व्यतीत कर रही थी। इस एक किताब ने उसकी जिंदगी बदल दी। और उस लड़की का नाम है जे. के. रोलिंग ( J. K. Rowling )।
J. K. Rowling की यह किताब ने उन्हें एक मामूली से बेरोजगार लड़की से सबसे बेहतरीन लेखक बना दिया। उनकी किताब Harry Potter and the Philosopher's Stone सब से ज्यादा बिकने वाली किताबों में से एक है। अब तक वह इस कहानी की 7 किताबें लिख चुकी है। और पूरी दुनिया में 45 crores से भी ज्यादा यह किताब बिल चुकी है। कई सारे लेखकों ने इसका अनुवाद भी कई भाषाओं में किया है। अब तक वह कई सारी किताबें लिख चुकी है। उनकी किताब Harry Potter कि कहानियों पर फिल्में भी बन चुकी है। जो आज भी बच्चों में काफी ज्यादा पसंद किया जाता है।
2004 में Forbes मैगज़ीन ने J. K. Rowling को दुनिया में सब से पहले किताबे लिख कर बनने वाली बिलियनियर ( billionier ) बनने वाले के खिताब से सम्मानित किया।
JK Rowling ने यह सफलता रातों-रात नहीं प्राप्त कर ली। हमें भी यहां तक पहुंचने के लिए कई सारी असफलताओं से गुजरना पड़ा। कई बार वो भी depressed हुई। कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। तब जाकर उन्हें यह सफलता मिली। यह सारी विफलताएं उन्हें पहले से ज्यादा मजबूत बनने में मदद कर रही थी।
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Image Source: Wikipedia |
नाम और शोहरत कमाने के बाद भी जेके रॉलिंग अपनी उस कठिनाइयों को नहीं भुली। उन्होंने अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा दान कर दिया। जिस वजह से वह 2011 में बिलिनियर का स्टेटस खो दी। उनके किताब आज भी बच्चों द्वारा खूब पसंद किए जाते हैं।
जे के रॉलिंग की कहानी से हमें यस सीख मिलती है कि मेहनत का फल एक न एक दिन जरूर मिलता है। मेहनत करने पर कई बार असफलताएं भी मिलती है परंतु उन असफलताओं की वजह से हमें मेहनत करना नहीं छोड़ना चाहिए। बल्कि असफलताओं से सीख लेनी चाहिए और उससे बेहतर करने का प्रयास करना चाहिए।
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I hope you have enjoyed this life story of J. K. Rowling Harry Potter Series writer. I hope the story of J. K. Rowling from an ordinary woman to the richest writer in the world has inspired you. Thank you so much for reading this J. K. Rowling life story in Hindi.
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